गोद ली गई 10 साल की मासूम से डिजिटल रेप, टीचर और उसकी पत्नी ने पार की क्रूरता की हदें
प्रयागराज में एक 10 साल की बच्ची के साथ डिजिटल रेप और बर्बरतापूर्वक पिटाई का मामला सामने आया है. लखनऊ के एक अनाथालय से गोद ली गई इस बच्ची को एक महिला लगातार टॉर्चर करती थी. पिटाई से गंभीर रूप से घायल बच्ची को वही महिला शनिवार को जब अस्पताल लेकर पहुंची तब उसकी दरिंदगी का खुलासा हुआ. अस्पताल प्रशासन की शिकायत पर पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया है. बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए उसे दिल्ली या लखनऊ शिफ्ट करने की भी तैयारी है. फिलहाल कैंटोनमेंट अस्पताल में बच्ची का इलाज चल रहा है.
धूमनगंज थाना क्षेत्र के प्रीतम नगर की रहने वाली महिला ने एक साल पहले लखनऊ के अनाथालय से एक बच्ची को गोद लिया था. शनिवार को महिला बच्ची को अस्पताल लेकर पहुंची और बताया कि बच्ची बीमार है और गिरने के कारण उसके हाथ में चोट लग गयी है. अस्पताल स्टाफ ने जांच शुरू की तो बच्ची के हाथ में फ्रैक्चर मिला. बच्ची के सीने पर और पीठ पर भी चोट के निशान थे और प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोट के निशान थे. स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान ही महिला अस्पताल से भागने का प्रयास करने लगी. तब स्वास्थ्यकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और घटना की सूचना कैंट थाने की पुलिस को दी.
पुलिस ने बताया कि बिहार निवासी टीचर अरुण सिन्हा और उनकी पत्नी प्रीतमनगर में शाइन अपार्टमेंट में रहते हैं. दोनों ने लखनऊ से एक साल पहले एक बच्ची को गोद लिया था. लेकिन दोनों ने उससे नौकरानी का काम लेना शुरू कर दिया. बच्ची के साथ बर्बरता की हदें पर कर दी गई. उसे गर्म प्रेस और पलटे से जलाया गया. उसे गोद लेने वाले मां-बाप ने दांत से काटा और जमकर पीटा. दंपत्ति 10 साल की बच्ची को घर में नौकर बनाकर काम करा रहे थे. इलाज कराने के दौरान डॉक्टर ने बच्ची की हालत देखकर पुलिस बुलाई. धूमनगंज इंस्पेक्टर राजेश मौर्य ने बताया कि आरोपी दंपत्ति को हिरासत में ले लिया गया है. उनके खिलाफ डिजिटल रेप, पॉक्सो एक्ट समय विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है.